सरगुजा: अम्बिकापुर विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनाव रोचक माना जा रहा था। उम्मीद थी कि भाजपा टीएस सिंहदेव के इस किले को भेदकर इस बार अपनी चुनावी वैतरणी जरूर पार लगाएगी। लेकिन ऐसा होता फ़िलहाल नहीं दिख रहा है। टीएस सिंहदेव जैसे कद्दावर नेता के क्षेत्र में पहले से ही हर मामले में पिछड़ चुकी भाजपा के लिए चुनाव जीत पाना अब टेढ़ी खीर बन चुकी है।
दरअसल इसकी वजह कुछ और नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा एक वीडियों है। इस वायरल वीडियों में कुछ दबंग लोग एक महिला के साथ जमकर गाली-गलौच करते नजर आ रहे है। गेट के बाहर खड़े ये दबंग भीतर मौजूद महिला को माँ-बहन की गाली देने के अलावा उसे उठवा देने यानी उसके अपहरण का भी धमकी दे रहे है। वही इस वीडियों में जो शख्स नजर आ रहा है उसे कथित तौर पर राजेश अग्रवाल बताया जा रहा है। हालाँकि आईबीसी24 न ही इस वीडियों के सत्यता की पुष्टि करता और न ही राजेश अग्रवाल के मौजूदगी कि लेकिन अगर इस वीडियों में सत्यता है तो फिर ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भाजपा इस तरह खुलेआम गुण्डागर्दी करने वाले शख्स को टिकट देकर अंबिकापुर जीत पायेगी?
वायरल टिकट में जिस शख्स को राजेश अग्रवाल बताया जा रहा है वह लगातार महिला के साथ बेहद अभद्रता से व्यवहार करते दिखाई पड़ रहे है। महिला के द्वारा गाली-गलौच नहीं करने की बात को अनसुना करते हुए उसपर गालियों की बौछार कर रहे है।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अम्बिकापुर के शांत मतदाता ऐसे उम्मीदवार को अपने विधायक के तौर पर चुनेंगे? किसी महिला के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार करने वाल शख्स किस तरह अब आम महिला मतदाताओं के बीच उनके अधिकार या सशक्तिकरण की बात कर सकते है?
बता दें कि आज भले ही भाजपा ने राजेश अग्रवाल को टीएस सिंहदेव के खिलाफ उम्म्मीद्वार बनाया हो लेकिन एक ऐसा दौर भी था जब राजेश अग्रवाल कांग्रेस में थे और टीएस सिंहदेव के ही करीबी मने जाते थे। जाहिर है ऐसे में जब उन्हें टिकट दिया गया तो स्थानीय भाजपा नेताओं की भावनाओं का ख्याल नहीं रखा गया। यही वजह है कि क्षेत्र के मतदाताओं के बीच भी राजेश अग्रवाल दलबदलू नेता के तौर पर पहचाने जा रहे है। खुद संगठन के भीतर भी इस बात को लेकर चर्चा है कि आखिर जो शख्स अपनी मातृ पार्टी के लिए ईमानदार नहीं रहा वह आखिर कैसे भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी में अनुशासन के साथ काम कर सकते है।
राजेश अग्रवाल निकटस्थ लखनपुर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है। राजेश अग्रवाल लखनपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष भी रह चुके है। हालाँकि उनका कार्यकाल बेहद नीरस बताया जाता है। अपने कार्यकाल में राजेश अग्रवाल नगर वासियों को बड़े सुविधाएं तो दूर बल्कि बुनियादी सुविधाएँ भी मुहैया नहीं पहुंचा सके है। लखनपुर में अध्यक्ष रहते जो समस्याएं व्याप्त थी वह आज भी जस की तस है। इनमे सड़के, नाली, पेयजल और साफ सफाई जैसे सुविधाएँ शामिल है। ऐसे में अब सवाल उठ रहे है कि जो प्रतिनिधि अपने सीमित क्षेत्र का विकास करा पाए आखिर वह किस तरह अम्बिकापुर जैसे समूचे क्षेत्र के लिए किसी तरह की उपलब्धि अपने नाम कर पाएंगे?
राजेश अग्रवाल प्रदेश के सबसे रईस विधायक उम्मीदवारों में शामिल है। इसकी पुष्टि उनके चल-अचल सम्पत्तियों से जुड़े दस्तावेजों से होती है जो उन्होंने निर्वाचन कार्यालय को सौंपे है। हालाँकि साल दर साल उन्होंने अपनी वर्षीय आय में गिरावट दर्शाई है। बात 2018-19 सत्र की ही करें तो राजेश अग्रवाल की सालाना आय 82 लाख 86 हजार रुपयें यानि 87 लाख रूपये के करीब है। देखें उनके चल-अचल सम्पत्तियों का ब्यौरा..
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