BJP won in Durg division: दुर्ग। आज यह साफ हो जाएगा कि छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनने वाली है। प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के लिए आज 3 दिसंबर रविवार को मतगणना जारी है। वहीं उम्मीदवारों की धड़कने तेज हो गई हैं। EVM के खुलते ही प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला हो जाएगा। प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर का मुकाबला चल रहा है।
बता दें कि प्रदेश में बढ़ते रुझान को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी प्रचंड बहुमत से कमबैक करने वाली है। कांग्रेस को बुरी तरह पछाड़ कर भाजपा तेज गति से आगे बढ़ते हुए दिख रही है। बता दें कि प्रदेश के कई संभागों में बीजेपी ने अपना परचम लहराया है। वहीं दुर्ग संभाग की बात करें तो दुर्ग संभाग में भाजपा आगे बढ़ते नजर आ रही है।
सीट -बेमेतरा
राउंड 10
भाजपा-आगे
सीट- साजा
राउंड- 10
भाजपा-आगे
सीट-नवागढ़
राउंड 10
भाजपा- आगे
सीट- पाटन विधानसभा
राउंड -10
कांग्रेस- आगे
डोंडीलोहारा विधानसभा
कांग्रेस की अनिला भेड़िया 20737 मत से आगे
सीट -खैरागढ़
राउंड- 09
कांग्रेस आगे 880 वोट
सीट- दुर्ग शहर विधानसभा
राउंड -06
भाजपा- आगे
सीट-पंडरिया
राउंड-09
भाजपा के भावना बोहरा भाजपा 6329 वोट से आगे
सीट-कवर्धा
राउंड-09
विधानसभा कवर्धा-18700 वोट से भाजपा के विजय शर्मा आगे
सीट- वैशालीनगर विधानसभा
राउंड -10
भाजपा आगे
सीट- अहिवारा विधानसभा
राउंड -10
भाजपा- आगे
बालोद
सीट- संजारी बालोद विधानसभा
राउंड- 08
कांग्रेस- आगे 9278 मत से
BJP won in Durg division: बता दें कि इस वर्ष 2023 में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव दो चरणों में हुए। पहले चरण का मतदान 7 नवंबर और दूसरे चरण का चुनाव 17 नवंबर को हुए। पहले चरण में 20 सीटों पर और दूसरे चरण में 70 सीटों पर मतदान हुए। वहीं विधानसभा चुनाव में कुल 76.31 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया था। पहले चरण में 70.87 प्रतिशत और वहीं दूसरे चरण में 75.08 मतदान हुआ था।
वहीं बीते पंचवर्षीय 2018 की बात करें तो उस वक्त भी छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव दो चरणों में हुआ था। विधानसभा के कुल 90 सीटों में से पहले चरण का चुनाव 18 सीटों के लिए 12 नवंबर 2018 को हुआ था और और दूसरा चुनाव 72 सीटों के लिए 20 नवंबर को हुआ था। भाजपा के खिलाफ कांग्रेस को 68 सीटें जीतकर भारी जीत मिली। बता दें कि 15 साल बाद कांग्रेस को सत्ता में जगह मिली। वहीं भाजपा की बात करें तो 15 साल बाद भाजपा को करारा हार का सामना करना पड़ा था।