Winter Tourist Places in Chhattisgarh: सर्दियों में घूमने की बन रही प्लानिंग तो इन जगहों का करें प्लान, भूल जाएंगे शिमला, मनाली और गोवा जैसी जगहें

Winter Tourist Places in Chhattisgarh: सर्दियों में घूमने की बन रही प्लानिंग तो इन जगहों का करें प्लान, भूल जाएंगे शिमला, मनाली और गोवा जैसी जगहें

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  • Publish Date - December 13, 2024 / 02:54 PM IST,
    Updated On - December 13, 2024 / 02:54 PM IST

रायपुर: Winter Tourist Places in Chhattisgarh नए साल आने में अब सिर्फ 10 दिन बचे हैं। न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो छत्तीसगढ़ के सबसे बेस्ट इन पर्यटन स्थलों के बारे में जरूर जान लें। कोरोना काल में आप अपने परिवार के साथ प्रदेश के पर्यटन स्थल में घूमकर नए साल को यादगार बना सकते हैं। चित्रकोट जलप्रपात, मैनपाट, जंगल सफारी, कांगेर वैली नेशलन पार्क, अचानकमार वन्यजीव अभ्यारण्य, चिल्फी, गंगरेल बांध में आप वेकेशन का मजा उठा सकते हैं।

चित्रकोट जलप्रपात

Winter Tourist Places in Chhattisgarh भारत के नियाग्रा फॉल के रूप में पहचाना जाने वाला यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का मुख्य पर्यटन केन्द्र है। सालभर सैलानी यहां के नजारों का लुफ्त उठाने आते हैं। इंद्रावती नदी का पानी जब विधू की पहाड़ी श्रृंखलाओं से बहता हुआ चित्रकोट का निर्माण करता है। इसकी गिनती भारत के सबसे बड़े झरनों के रूप में होती है। यहां घूमने जाने के लिए बारिश और ठंड का मौसम सबसे बेहतरीन होगा। यह जलप्रपात जगदलपुर से 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और रायपुर से इसकी दूरी 270 किलोमीटर है।

छत्तीसगढ़ का गोवा

समुद्र का मजा लेना है तो आपको कही गोवा जाने की जरूरत नहीं। अपने प्रदेश में ही आप मिनी गोवा का मजा उठा सकते हैं। नए साल के जश्न को आप बेहद यादगार बना सकते हैं। प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक गंगरेल बांध पर बने पर्यटन स्थल आपको गोवा के समुद्र जैसा अनुभव कराएगा। आप लहरों पर झूमते मोटरबोट, टेबल-कुर्सियां, वाटर स्पोट्र्स का रोमांच का मजा ले सकते हैं। बता दें कि गंगरेल बांध के दूसरे किनारे पर गोवा की तर्ज पर पर्यटन स्थल विकसित किया गया है। यह धमतरी शहर से 12 किलोमीटर दूर पं. रविशंकर शुक्ल जलाशय यानी गंगरेल बांध पर स्थित है। यह पूरा इलाका प्राकृतिक छटाओं से घिरा हुआ है। मिनी गोवा का लुफ्त उठाने हर साल हजारों सैलानी यहां आते हैं।

Polythene ban in Gangrel Dam area

बारनवापारा वाइल्ड लाइफ सेंचूरी

रायपुर से 100 और महासमुंद जिले से 45 किलोमीटर दूर बारनवापारा का वाइल्ड लाइफ सेंचूरी छत्तीसगढ़ के सबसे फेमस पर्यटन स्थलों में से एक है। महासमुंद के उत्तरी भाग में स्थित 245 वर्ग किमी के भाग में फैला बारनवापारा अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता को दर्शाता है। इस अभ्यारण्य में चार सिंग वाले हिरण, बाघ, तेंदुए, जंगली भैंसे, अजगर, हिरण आदि हैं । यहां पक्षियों की भी काफी प्रजातियां देखने को मिलती है। यह सेंचूरी हफ्ते के सातों दिन खूली होती है।

छत्तीसगढ़ का शिमला मैनपाट

पर्यटन की अपार संभावनाओं से परिपूर्ण छत्तीसगढ़ के हरेभरे जंगल, झरने और पहाड़ सहज ही पर्यटकों का मन मोह लेते हैं। बहुत कम सैलानियों को शायद ही यह पता होगा की छत्तीसगढ़ में मैनपाट एक ऐसी खूबसूरत जगह है जहां बर्फ गिरती है और सर्दियों में यह इलाका बर्फ की सफेद चादर से ढक जाता है। मैनपाट में का़फी ठंडक रहती है, यही कारण है कि इसे छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाता है। मैनपाट छतीसगढ़ का एक पर्यटन स्थल है। यह स्थल अंबिकापुर नगर, जो पूर्व सरगुजा, विश्रामपुर के नाम से भी जाना जाता है, 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मैनपाट विंध्य पर्वतमाला पर स्थित है। समुद्र की सतह से इस की ऊंचाई 3,780 फुट है. मैनपाट की लंबाई 28 किलोमीटर और चौड़ाई 12 किलोमीटर है। यह बहुत ही आकर्षक स्थल है।

Mainpat Tourist Place

हांदवाड़ा जलप्रपात

जगदलपुर का हांदवाड़ा जलप्रपात न सिर्फ छत्तीसगढ़ का बल्कि देश के सबसे बड़े जलप्रपातों में से एक है। घने जंगलों के अंदर करीब 500 फीट की ऊंचाई से गिरते इस वॉटरफॉल के नजदीक अब तक बहुत कम लोग पहुंच पाए हैं। पर यह वाटरफॉल लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है। पर्यटकों के साथ-साथ हांदवाड़ा जलप्रपात भारतीय फिल्म निर्माताओं को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। भारत की सबसे लोकप्रिय फिल्मों में से एक बाहुबली के निर्माता, निर्देशक ने भी अपने फिल्म की शूटिंग करने के लिए हांदवाड़ा जलप्रपात को चुना था। पर सुरक्षा की दृष्टि से इसे रद्द कर दिया गया। हांदवाड़ा जलप्रपात जगदलपुर से 200 किमी दूर घने जंगलों में बसा है। हांदावाड़ा वाटरफॉल तक पहुंचना बेहद खतरनाक है। छत्तीसगढ़ में अबूझमाड़ ही एक ऐसा स्थान है जो अब तक बाहरी दुनिया से एकदम कटा हुआ है। यह जगह नक्सलियों के लिए भी एक सुरक्षित मांद है, जिस वजह से नक्सली नहीं चाहते कि यहां आम लोगों का आवागमन शुरू हो।

कांगेर वैली नेशलन पार्क

छत्तीसगढ के बस्तर जिले के कांगेर वैली नेशनल पार्क को राज्य के सबसे बड़े एथेनिक पर्यटन के रूप में पहचान मिले काफी साल हो गए हैं। दो सौ वर्ग किलोमीटर वाले हरे भरे जंगल को 1982 में नेशनल पार्क का दर्जा मिला था। तब इस पार्क के देखने योग्य जगहों में भूमिगत कोटमसर गुफा और तीरथगढ़ जलप्रपात ही मुख्य थे। यहां के जंगल बारहोंमास हरे भरे रहते हैं। ठंड के वक्त घूमने जाने के लिए यह सबसे अच्छी जगह है। यहां वनस्पतीयों, जंगली जानवरों, और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां देखने को मिलती है। जिसमें बाघ, तेंदुआ, जंगली सुअर, हिरण, अजगर आदि शामिल हैं।

अचानकमार वन्यजीव अभ्यारण्य

ठंड के समय आप परिवार और दोस्तों के साथ सैर करने और प्रकृति के करीब रहने के लिए अचानकमार वन्यजीव अभ्यारण्य भी जा सकते हैं। अचानकमार वन्यजीव अभ्यारण्य छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध अभ्यारण्य में से एक है। यहां तेंदुआ, बंगाल टाइगर और जंगली भैंसे जैसे बहुत सी विलुप्त प्रजातियां देखने को मिलती है। यह अभ्यारण्य बिलासपुर से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और ठंड के समय घूमने जाने के लिए यह सबसे बेहतरीन जगह है।

बुका और सतरेंगा

कोरबा जिले का ‘बुका’ पर्यटकों के फेवरेट प्लेस में नया नाम है। इसे Golden Island Buka के नाम से डेवलेप किया गया है। अगर आप खूबसूरत वादियों के बीच घुड़सवारी करना चाहते हैं तो बुका आपको जरूर पसंद आएगा। आप यहां वॉटर स्पोर्ट्स, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, एडवेंचर स्पोर्ट्स और लग्जरी रिजॉर्ट का आनंद ले सकते हैं।

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धूड़मारास में प्रकृति का अनोखा नजारा

धूड़मारास गांव जगदलपुर से सुकमा रोड़ कांगेरवेल्ली नेशनल पार्क के सरहदी इलाके में मौजूद है। गांव में पहुंचते ही पर्यटकों को एक स्वागत द्वार दिखता है, जिसमें लिखा गया है धुरवा डेरा। धुरवा इस क्षेत्र में निवास करने वाली जनजाति है और डेरा उनके रहने के स्थान को कहा जाता है। इस डेरे के भीतर होम स्टेय बनाया गया है। होम स्टेय का दीवार बांस की चटाई और लाल ईंट से निर्माण किया गया है। वहीं होम स्टेय में पत्थर की छावनी बनाई गई है, जहां स्थानीय लोगों के साथ देश विदेश से पहुंचने वाले पर्यटक ठहरते हैं। इसके अलावा पर्यटकों के लिए जंगलों में मिलने वाले व्यंजनों से भोजन तैयार करके परोसा जाता है। इसके साथ ही गांव के सभी स्थानीय लोगों के द्वारा प्रकृति की सुरक्षा और बिना छेड़छाड़ के अलग अलग एक्टिविटी भी कराई जाती है।

पर्यटकों की मानें तो पहली बार वे धूड़मारास घूमने आये उन्हें यह प्रकृति के बीच घंने जंगलो में बसा गांव काफी अच्छा लगा। बम्बू राफ्टिंग और कयाकिंग का अनुभव काफी अच्छा था। शहर के शोर शराबे से दूर धूड़मारास में एक अलग सी शांति मिली। इसके साथ ही पहाड़ी मैना और अन्य पक्षियों की चहचहाट भी सुनाई दीख् एक अलग ही अनुभव हुआ। निश्चित ही जिस उद्देश्य से इस गांव का चयन UN ने किया है। ठीक वैसा ही यह पर्यटन गांव है और निश्चित ही आगामी दिनों में बस्तर की पहचान बड़े पर्यटन स्थलों के रूप में शिमला, मनाली और कश्मीर की तर्ज पर की जाएगी।

FAQ Section:

  1. छत्तीसगढ़ के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थल कौन से हैं?
    छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों में चित्रकोट जलप्रपात, गंगरेल बांध, मैनपाट, कांगेर वैली नेशनल पार्क, अचानकमार वन्यजीव अभ्यारण्य, और बारनवापारा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी शामिल हैं। ये सभी स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श स्थल हैं।
  2. गंगरेल बांध को मिनी गोवा क्यों कहा जाता है?
    गंगरेल बांध को मिनी गोवा इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहां के पानी की लहरों पर मोटरबोट चलाना, वाटर स्पोर्ट्स और खूबसूरत वातावरण गोवा के समुद्र जैसा अनुभव प्रदान करते हैं। यह स्थल धमतरी जिले के पं. रविशंकर शुक्ल जलाशय पर स्थित है।
  3. मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला क्यों कहा जाता है?
    मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह क्षेत्र सर्दियों में बर्फ से ढक जाता है और यहां का मौसम बहुत ठंडा रहता है। यह एक खूबसूरत पहाड़ी इलाका है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
  4. कांगेर वैली नेशनल पार्क में कौन सी वन्यजीव प्रजातियां पाई जाती हैं?
    कांगेर वैली नेशनल पार्क में बाघ, तेंदुआ, जंगली सुअर, हिरण, अजगर और विभिन्न पक्षियों की प्रजातियां पाई जाती हैं। यह पार्क प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीवों के शौकिनों के लिए आदर्श स्थान है।
  5. धूड़मारास गांव में क्या विशेष अनुभव मिलता है?
    धूड़मारास गांव में पर्यटकों को प्रकृति के बीच शांति, घने जंगलों का अनुभव और स्थानीय जीवनशैली के बारे में जानकारी मिलती है। यहां बम्बू राफ्टिंग, कयाकिंग जैसी गतिविधियां और होम स्टे की सुविधा उपलब्ध है, जिससे पर्यटक एक अद्वितीय अनुभव प्राप्त कर सकते हैं।

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